Transcrição do Vídeo
रितिका भीर भरे शौपिंग मॉल में चहल रही थी, उसका दिल उच्शाह से दोर रहा था.
चमकदार फर्स से बियों रोषनी प्रतविम्मित हो रही थी और पॉपकॉन की गंध हवा में फैल रही थी.
यह एक सामानिय शनिवार की शाम थी, जो खरीदारों की हलचल और दूर तक हसी की गूंध से भरी हुई थी.
रितिका का फोन उसकी जेब में गूंध रहा था, जो उस शांत शांती के बिलकुल विपरीद था जिसे वह बनाए रखने की कोशिश कर रही थी.
उसे बाहर निकालने से पहले उसने यह सुनिश्चत करने के लिए चारों ओर नजर ड़ की कोई देख तो नहीं रहा है.